फिर से राजेन्द्र शर्मा को रीवा कांग्रेस का ग्रामीण जिला अध्यक्ष बनाया गया, यह रही वजह

पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए त्रियुगीनारायण शुक्ला को अध्यक्ष बनाया लेकिन चुनाव में वो सेमरिया में प्रचार के लिए नहीं गए।

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रीवा @खबरिय.  रीवा जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण का अध्यक्ष एक बार फिर से कांग्रेस की तरफ से विधानसभा चुनाव में रहे रीवा विधानसभा से प्रत्याशी राजेन्द्र शर्मा को बनाया गया है। पीसीसी के संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने यह नियुक्ति पत्र जारी किया है। इसके पहले भी शर्मा ग्रामीण कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव में रीवा सीट से पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था। इस कारण उन्होंने स्वयं पद छोड़ दिया था और कहा था कि जिले की सभी सीटों के लिए वह पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे। फिर कांग्रेस पार्टी ने त्रियुगीनारायण शुक्ला को अध्यक्ष बनाया लेकिन वह भी संगठन के लिए अधिक समय नहीं दे पाए। पार्टी की कमान त्रियुगीनारायण शुक्ला को ऐसे समय में दी गई थी जब वह सेमरिया सीट से अपनी उम्मीदवारी ठोक रहे थे और टिकट नहीं मिलने की वजह से बगावत पर उतर आए थे और सामूहिक रूप से सेमरिया के दर्जनभर नेताओं के साथ प्रदेश नेतृत्व से निर्णय बदलने की मांग की थी।

पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए त्रियुगीनारायण शुक्ला को अध्यक्ष बनाया लेकिन चुनाव में वो सेमरिया में प्रचार के लिए नहीं गए। चुनाव के दौरान अन्य सीटों पर भी उनकी ओर से कोई खास भूमिका नहीं दिखाई  गई। मतगणना के बाद से कांग्रेस के पार्टी कार्यालय में सन्नाटा है। कार्यकर्ताओं के साथ त्रियुगीनारायण शुक्ला ने किसी तरह का संवाद नहीं किया और एक दिन पहले ही जिला अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया।

अब पार्टी ने राजेन्द्र शर्मा को फिर से जिम्मेदारी सौंपी है। शर्मा ने अपने पहले कार्यकाल में पार्टी को बूथ लेवल तक पहुंचाने में बड़ी अहम् भूमिका निभाई थी। पुरे जिले में 2016 बीएलए की नियुक्ति कराई, इसके पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से जिले के बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं की सूची निर्वाचन आयोग तक नहीं पहुंची थी। जिले की आठ में सात सीटें हारने की वजह से कार्यकर्ताओं में निराशा है, इससे उभरने के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के हिसाब से कार्यकर्ताओं को तैयार करना बड़ी चुनौती होगी। साथ ही पार्टी के अंदर गुटबाजी और चुनावों में भितरघात करने वाले नेताओं को भी पूरी तरह से साधना होगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने अब लोकसभा का चुनाव बड़ा चुनौती भरा रहेगा।